कुल्लू के शॉल की जीआई टैगिंग, केंद्र ने संरक्षण के लिए दिए 60 लाख

HimalayanKraft-True Name for Genuine Handloom and handicraft From Himachal

Source :- Hindi News18

Tulsi Bharti | News18 Himachal Pradesh
Updated: August 4, 2018, 10:03 AM IST

Source Link :- https://hindi.news18.com/news/himachal-pradesh/kullu-130-weavers-of-kullu-gi-tagging-of-shawl-center-gave-60-lakhs-for-protection-1469419.html

हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिला के देव सदन में हिमाचल प्रदेश प्रौधोगिकी विज्ञान एवं पर्यावरण परिषद ने जियोग्राफिकल इंडिकेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में वन परिवहन एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्यतिथि शिरकत की. कार्यशाला में कुणाल सत्यार्थी मेंबर सक्रेटरी ने मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर का शॉल टोपी से भव्य स्वागत किया.

कार्यशाला में पूर्व मंत्री सत्या प्रकाश ठाकुर,भाजपा जिलाध्यक्ष भीम सेन शर्मा,एसपी कुल्लू शालिनी अग्निहोत्री सहित सैकड़ो बुनकरों ने भाग लिया. कार्यशाला में प्रदेश के 5 जियोग्राफिकल इंडिकेशन उत्पाद पर विस्तार से चर्चा हुई और जीआई मार्क बाली कुल्लू शॉल पर बुनकरों को कैसे लाभ मिलेगा और ग्राहक को जागरूक करने के लिए बुनकरों के सुझाव मांगे गए. यहां कुल्लू शॉल की डुप्लिकेशन को रोकने के लिए एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.

वन एवं पर्यावरण मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि एनडीए की सरकार के समय में पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा वर्ष 1999 में जियोग्राफिकल इंडिकेशन एक्ट पास किया गया और 2002 में एक्ट के नियमों का प्रावधान किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी नोटिकेशन जारी कर दिया है और कुल्लू की शॉल कम्युनिटी पेटेंट प्रोडेक्ट है.

उन्होंने कहा कि प्रौधोगिकी विज्ञान एवं पर्यावरण परिषद द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिससे जीआई के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 प्रोडक्ट कुल्लू, किनौर की शॉल, कांगड़ा की चाय पेंटिंग, चंबा के रूमाल की जीआई टैगिंग है. उन्होंने कहा कि कुल्लू में देशी राजमाह व माह इसके अलावा और भी कई उत्पाद को भी जीआई मिले इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.

Seal of Trust-HimalayanKraft, Kullu Shawls


उन्होंने कहा कि भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपहार के तौर पर जीआई मार्क वाले सामान भेंट करते हैं. कुल्लू के स्थानीय बुनकर घर-घर में शॉल तैयार करते हैं और हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट से हर घर को रोजगार मिल रहा है. उहोंने कहा कि कुल्लू भारत सरकार के कॉमर्स डिपार्टमेंट ने 60 लाख रुपये का प्रावधान किया है ताकि इस प्रोडक्ट के प्रचार-प्रसार के लिए खर्च की जाएगी.

गौरतलब है कि दिल्ली डीआईपीपी के अभिषेक ने कहा कि भारत में 322 प्रोडक्ट भारत सरकार कॉमर्स डिपार्टमेंट में जीआई रजिष्ट्रेशन हुई है.

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